कौशल शिक्षा
कौशल शिक्षा एक ऐसा शैक्षणिक दृष्टिकोण है जो छात्रों को व्यावहारिक कौशल और ज्ञान प्रदान करने पर केंद्रित है, जिससे वे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफल हो सकें। इसमें निम्नलिखित पहलू शामिल होते हैं:
- व्यावहारिक अनुभव: छात्रों को वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने और व्यावसायिक कार्यों में संलग्न होने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- तकनीकी कौशल: छात्रों को विभिन्न तकनीकी कौशल सिखाए जाते हैं, जैसे कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, ग्राफिक डिज़ाइन, या अन्य पेशेवर कौशल।
- समस्या समाधान: कौशल शिक्षा छात्रों को समस्या समाधान, टीम वर्क, और निर्णय लेने की क्षमताएं विकसित करने में मदद करती है।
- करियर विकास: यह छात्रों को करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करती है, जिससे वे अपने भविष्य की योजना बना सकें।
- आत्मनिर्भरता: कौशल शिक्षा छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है, जिससे वे जीवन में अपने निर्णय स्वयं ले सकें।
कुल मिलाकर, विद्यालय में कौशल शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को एक समग्र दृष्टिकोण से तैयार करना है, ताकि वे सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकें।इसी कड़ी कें पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय मुजफ्फरपुर भी बच्चों में आत्मनिर्भरता लाने के लिए कई तरह से कौशल विकास की दिशा में काम कर रहा है | तकनीकी कौशल और समस्या समाधान के लिए इन्टरनेट की सुविधा के साथ कंप्यूटर प्रयोगशाला में कई तरह के सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है जिसमें कार्यालयी कार्य करने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टूल्स के इस्तेमाल, डिजाइनिंग सॉफ्टवेर, इंटरैक्टिव डिजिटल संसाधन बनाना तथा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी दी जाते है |
कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के बाद तकनिकी शिक्षा हासिल करने के लिए तैयार किया जाता है|
कला आधारित शिक्षा एवं समाज के लिए उपयोगी सामान बनाने की शिक्षा भी दी जाती है जो बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते है |